उपयोजित लेखन:
मातृभाषा मेे अनुवाद करे।
हर कोई गंभीर होकर समस्या के हल के बारे में सोचने लगा।
Answers
Answered by
18
हमारे देश में सभी राज्यो के लोगो की मातृभाषा अलग अलग हैं और यहा पर पुरे देश के बच्चे पढते हैं.
तुम्हे कौनसी भाषा में चाहिये?
मतलब तुम्हारी मातृभाषा कौन सी हैं?
अगले quetion में बताओ फिर मैं answer करुंगी.
और हो सके to brainlist बना दो न भाई..,
pleasee
Answered by
0
उत्तर:जन्म लेने के बाद मानव जो प्रथम भाषा सीखता है उसे उसकी मातृभाषा कहते हैं। मातृभाषा, किसी भी व्यक्ति की सामाजिक एवं भाषाई पहचान होती है।
आप जितनी अधिक भाषाएँ जानेगें, सीखेंगे वह आपके लिए ही उत्तम होगा। आप जिस किसी भी प्रांत, राज्य से हैं कम से कम आपको वहाँ की बोली तो अवश्य आनी चाहिए।
व्याख्या:जो भाषा आप बचपन से आपने माता पिता से सुनते आ रहे हैं, आपके जन्म स्थान और देश की भाषा जो आप अधिकतर सुन और बोल रहे हों, वो आपकी मातृभाषा कही जाती है।
2.हर समय तनाव के बारे में सोचने से
कोई गंभीर समस्या हल नहीं होती हैं
बजाय शरीर को नुकसान होगा। ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका कोई हल न हो। ज्यादा सोचने से समस्या का समाधान नहीं होगा। बल्कि प्रयास करें कि समस्या समाप्त हो और अपने करीबी लोगों से भी समस्या के बारे में खुलकर बात करेंगे तो उसका हल निकल जाएगा
व्याख्या:कहते हैं चिंता चिता के समान है। मानसिक रोग से बचना है तो किसी भी बात को सोचने के बजाय उसका हल तलाशें। पूरी नींद सोने से दिमाग को आराम मिलेगा। सोमवार को मानसिक रोग दिवस पूरे विश्व में मनाया जाएगा। मानसिक रोग चिकित्सकों का इस बात पर जोर है कि लोग किसी भी बात को लगातार न सोचें। लगातार सोचने की आदत मौत के मुंह तक ले जा सकती है।
आप जितनी अधिक भाषाएँ जानेगें, सीखेंगे वह आपके लिए ही उत्तम होगा। आप जिस किसी भी प्रांत, राज्य से हैं कम से कम आपको वहाँ की बोली तो अवश्य आनी चाहिए।
व्याख्या:जो भाषा आप बचपन से आपने माता पिता से सुनते आ रहे हैं, आपके जन्म स्थान और देश की भाषा जो आप अधिकतर सुन और बोल रहे हों, वो आपकी मातृभाषा कही जाती है।
2.हर समय तनाव के बारे में सोचने से
कोई गंभीर समस्या हल नहीं होती हैं
बजाय शरीर को नुकसान होगा। ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका कोई हल न हो। ज्यादा सोचने से समस्या का समाधान नहीं होगा। बल्कि प्रयास करें कि समस्या समाप्त हो और अपने करीबी लोगों से भी समस्या के बारे में खुलकर बात करेंगे तो उसका हल निकल जाएगा
व्याख्या:कहते हैं चिंता चिता के समान है। मानसिक रोग से बचना है तो किसी भी बात को सोचने के बजाय उसका हल तलाशें। पूरी नींद सोने से दिमाग को आराम मिलेगा। सोमवार को मानसिक रोग दिवस पूरे विश्व में मनाया जाएगा। मानसिक रोग चिकित्सकों का इस बात पर जोर है कि लोग किसी भी बात को लगातार न सोचें। लगातार सोचने की आदत मौत के मुंह तक ले जा सकती है।
Similar questions