उपयोजित लेखन
(१) निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर इसपर आधारित ऐसे पाँच प्रश्न तैयार
कीजिए, जिनके उत्तर एक-एक वाक्य में हों:
विख्यात गणितज्ञ सी.वी. रमण ने छात्रावस्था में ही विज्ञान के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा
का सिक्का देश में ही नहीं विदेशों में भी जमा लिया था।
रमन का एक साथी छात्र ध्वनि के संबंध में कुछ प्रयोग कर रहा था । उसे कुछ
कठिनाइयाँ प्रतीत हुई, संदेह हुए । वह अपने अध्यापक जोन्स साहब के पास गया परंतु वह
भी उसका संदेह निवारण न कर सके । रमण को पता चला तो उन्होंने उस समस्या का
अध्ययन-मनन किया और इस संबंध में उस समय के प्रसिद्ध लॉर्ड रेले के निबंध पढ़े और
उस समस्या का एक नया ही हल खोज निकाला । यह हल पहले हल से सरल और अच्छा
था। लॉर्ड रेले को इस बात का पता चला तो उन्होंने रमण की प्रतिभा की भूरि-भूरि प्रशंसा
की । अध्यापक जोन्स भी प्रसन्न हुए और उन्होंने रमण से इस प्रयोग के संबंध में लेख
लिखने को कहा । रमण ने लेख लिखकर श्री जोन्स को दिया, पर जोन्स उसे जल्दी लौटा
न सके । कारण संभवतः यह था कि वह उसे पूरी तरह आत्मसात न कर सके।
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Answer:
[tex]परन्तु स्वार्थान्धो मानवस्तदेव पर्यावरणम् नाशयति। स्वल्पलाभाय जनाः बहुमूल्यानि वस्तुनि
नाशयन्ति। यन्त्रगाराणां विषाक्तं जलं नद्यां निपात्यते येन मत्स्यादीनां जलचराणां च क्षणेनैव
नाशो जायते। नदीजलमपि तत्सर्वथाऽपेयं जायते। वनवृक्षाः निर्विवेकं छिद्यन्ते व्यापारवर्धनाय ,
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येन अवृष्टिः प्रवर्धते, वनपशवश्च शरणरहिता ग्रामेषु उपद्रवं विदधति। शुद्धवायुरपि वृक्षकर्तनात्
सङ्कटापन्नो जातः । एवं हि स्वर्थान्धमानवैर्विकृतिमुपगता प्रकृतिरेव तेषां विनाशकर्ती सञजाता।
पर्यावरणे विकृतिमुपगते जायन्ते विविधा रोगा भीषणसमस्याश्च । तत्सर्वमिदानी चिन्तनीयं प्रतिभाति।
एक पदेन उत्तरत
(क) कीदृशः मानवः अद्य पर्यावरणं नाशयति ?
(ख) यन्त्रगाराणां विषाक्तं जलं कुत्र निपात्यते ?
पूर्ण वाक्येन उत्तरत
(क) वनवृक्षाः निर्विवेकं छिद्यन्ते तेन किं किं जायते ?
भषिककार्यम् -
(क) 'वस्तुनि' पदस्य विशेषणं पदं किम् ?
(क) स्वल्पलाभाय (ख) बहुमूल्यानि
(ख) — बहुलाभाय ' पदस्य विलोम पदम् चित्वा लिखत ?
(क) स्वल्पलाभाय (ख) बहुमूल्यानि[tex]