उपयोजित लेखन
निम्नलिखित दोनों परिच्छेद पढ़कर प्रत्येक पर आधारित ऐसे पाँच
प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर एक-एक वाक्य में हों :
परिच्छेद-१
भगिनी निवेदिता एक विदेशी महिला थीं, किंतु उन्होंने इस देश के नवोत्थान और भारतीय राष्ट्रीयता के विकास के लिए
बहुत कुछ किया । जीवन के संबंध में उनका दृष्टिकोण बड़ा ही उदार था, समूचे संसार को वे एक ऐसी अविभाजनशील इकाई
मानती थीं जिसका हर पहलू एक-दूसरे से संश्लिष्ट और अन्योन्याश्रयी है । लंदन में एक दिन स्वामी विवेकानंद के श्रीमुख से
उनकी वक्तृता सुनकर इनमें अकस्मात परिवर्तन हुआ । २८ वर्षीय मिस मार्गरेट नोबुल, जो आयरिश थी, स्वामी जी की वाणी
से इतनी अभिभूत हो उठीं कि कल्याणी निवेदिता के रूप में उनका शिष्यत्व ग्रहण कर वह अपनी संवेदना, हृदय में उभरती
असंख्य भाव-लहरियों को बाँध न सकी और भारत के साथ उनका घनिष्ठ रागात्मक संबंध कायम हो गया।
ऐसा लगता था जैसे वह भारत की मिट्टी से उपजी हों या स्वर्ग दुहिता-सी अपने प्रकाश से यहाँ के अंधकार को दूर करने
आई हों । ज्यों ही वे इधर आई देशव्यापी पुनर्जागरण के साथ-साथ शिक्षा, धर्म और संस्कृति के क्षेत्र में उन्हें क्रांतिकारी
परिवर्तन करने की आवश्यकता अनुभव हुई ।
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भगिनी निवेदिता कैसी महिला थीं?
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