Biology, asked by maahira17, 10 months ago

उपयुक्त आरेख (डायग्राम) की सहायता से लॉजिस्टिक (संभार तंत्र) समष्टि (पॉपुलेशन) वृद्धि का वर्णन कीजिए।

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Answered by nikitasingh79
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उपयुक्त आरेख (डायग्राम) की सहायता से लॉजिस्टिक (संभार तंत्र) समष्टि (पॉपुलेशन) वृद्धि का वर्णन :

प्रकृति में किसी भी प्रजाति के पास जब असीमित संसाधन नहीं होते हैं , तब उनमें चरघातांकी वृद्धि नहीं होती है। इस कारण सीमित संसाधनों के लिए जीवों में प्रतिस्पर्धा होती है । अतः ऐसे समष्टि में प्रारंभ में धीमी गति से , शीघ्र ही तीव्र गति से व अंत में प्रतिस्पर्धा या सीमित संसाधनों के कारण स्थिर वृद्धि देखने को मिलती है। इसका कारण ऐसी समष्टि में S - आकार का वक्र प्राप्त होता है । ऐसी वृद्धि को संभार तंत्र समष्टि  वृद्धि भी कहा जाता है।

समष्टि वृद्धि रूप की विभिन्न प्रावस्थाएं निम्न प्रकार है :  

(1) प्रारंभिक या लैग अवस्था

(2) मध्य प्रावस्था या त्वरण प्रावस्था

(3) अंतिम प्रावस्था या स्थिर प्रावस्था

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

 

इस पाठ  (जीव और समष्टियां ) के सभी प्रश्न उत्तर :  

https://brainly.in/question/15004447#

 

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :

समष्टि (पॉपुलेशन) और समुदाय (कम्युनिटी) की परिभाषा दीजिए।  

https://brainly.in/question/15013179#

निम्नलिखित की परिभाषा दीजिए और प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिए -

(क) सहभोजिता (कमेसेलिज्म)

(ख) परजीविता (पैरासिटिज्म)

(ग) छद्मावरण (कैमुफ्लॉज)

(घ) सहोपकारिता (म्युचुऑलिज्म)

(च) अंतरजातीय स्पर्धा (इंटरस्पेसिफिक कंपीटीशन)

https://brainly.in/question/15014298#

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Answered by Anonymous
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Explanation:

एक समष्टि को किसी सुपरिभाषित भौगोलिक क्षेत्र में एक ही प्रजाति के व्यष्टियों के समूह के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो समान संसाधनों का साझा उपयोग करते हैं अथवा उनके लिए स्पर्धा करते हैं| उदाहरण के लिए, एक विशेष समय पर किसी विशेष स्थान पर रहने वाले सभी व्यक्ति मानव समष्टि की रचना करते हैं|

एक समुदाय को विभिन्न जाति के व्यक्तियों के समूह के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में रहते हैं| ऐसे व्यक्ति समान या असमान हो सकते हैं, लेकिन अन्य जाति के सदस्यों के साथ प्रजनन नहीं कर सकते|

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