उपयुक्त गद्यांश के शीर्षक उपयुक्त गद्यांश के शीर्षकशरीर के लिए श्रम अवश्य है इसलिए आवश्यक नहीं कि शरीर स्वस्थ रहे बल्कि इसलिए वह जीवित रहे शरीर को गतिशील बनाए रखने के लिए श्रम से हमें कई चीजें पैदा करनी होगी हमारे लिए दूसरे ने जो परिश्रम किया है अब मात्र उसके सहारे जीवित रहने के लिए अधिकार नया समाज स्वीकृत नहीं करेगा बापदादा के पुश्तैनी पैसों से जीवित रहने की बुरी आदत हमने वर्षों से पाल रखी है उसके ना केवल हमारे शरीर को निकम्मा बनाता है बल्कि हमें लालची बना दिया है किसी भले मांस के लिए यह लज्जा का बात होनी चाहिए कि वह उसके अपने पेट भरे जिसके लिए उसके स्वयं परिश्रम ना किया श्रम के अवश्य नियमों के अभाव में हम मजदूर मालिक और अमीरी गरीबी सीतारामी के ग्रुप के भेदों के शिकार हो गए हैं इससे अपना पीछा छुड़ाना मुश्किल पड़ रहा है श्रम की नींव पर बनाने वाला जीवन भीतर से संतोष देता आर्थिक बंटवारे के न्याय पूर्ण बनाता है ईशा लोग बेमानी आदि बुराइयों से लोग को बचाता है इसका उपयुक्त शीर्षक दीजिए इस गद्यांश का
Answers
Answered by
1
Explanation:
bstnnshstsgmgz zmymgzzmgkstaktjat
Similar questions