उपयुक्त पद्यांश की आरंभ की चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए। पद्य ८ गजल पहली इकाई class 10
Answers
-------" रामचरित मानस " गोस्वामी तुलसीदास कृत अतुलनीय रचना है । इसके किष्किन्धाकाण्ड से लिया गया ये वर्षाकालीन वर्णन अनुपम है । वैसे तो ये पूरा वर्णन बेजोड़ है किन्तु ये चार पंक्तियाँ मुझे विशेषतया पसंद है ।----- " बरषहिं जलद -माया लपटानी " इनका अर्थ है कि बादल धरती के पास आकर ऐसे वर्षा कर रहें है जैसे नए - नए विद्वान ज्ञान प्राप्त करके विनम्र हो जाते है । आगे की पंक्तियों मे वे कहते है कि बूंदों की चोट पहाड़ इस प्रकार सहन कर रहें है जैसे दुष्टों के वचन संत लोग सहन कर लेते है । छोटी - छोटी नदियाँ वर्षाकाल के पानी से भरकर अपनी मर्यादाएं ( सीमारेखा ) तोड़कर इसप्रकार चल रही है जैसे थोड़ा सा धन पाते ही दुष्ट लोग इतराने लगते है । अर्थात अपनी स्थिति को भुलाकर अपनी लघुता प्रकट कर देते है । अगली चौपाई मे वे कहते है कि पृथ्वी पर गिरते ही वर्षा का पानी गँदला हो जाता है जिस प्रकार इस संसार में आते ही जीव को परमात्मा ( ईश्वर ) की माया लपेट लेती है । अर्थात वह अपने वास्तविक स्वरुप को भूल जाता है तथा सांसारिक प्रपंच में उलझ जाता है ।