upniveshvad kya h? bhartiye kosano pr iska kya peabhav hua??
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उपनिवेशवाद का अभिप्राय उस स्थिति से हैं, जिसमें कोई राष्ट्र अपनी राजनीतिक शक्ति का विस्तार अन्य राष्ट्रों पर कर नियंत्रण स्थापित कर वहां के संसाधनों का अपने हित में शोषण करता है।
ब्रिटिश शासनकाल में किसानों की ऋणग्रस्तता प्रत्येक दशक में लगातार बढ़ती ही गई। यह 1880 के बाद ज्यामितिक दर से बढ़ती ही रही। 1929 के विश्वव्यापी आर्थिक संकट का भारत के कृषक समुदाय पर काफी बुरा असर पड़ा। खेती के उत्पादनों की कीमत इतनी तेजी से घटी कि 1929 से 1936 ई॰ के बीच समस्त ऋण की राशि 1800 करोड़ हो गई। इस असाधारण वृद्धि का मूल कारण यह था कि 1929 के बाद किसानों की आय आधे से भी कम हो गई तथा कर का भार ज्यों का त्यों रहा।
किसानों की बढ़ती हुई ऋणग्रस्तता के कारण रैयतवारी इलाकों में बड़े पैमानों पर जमीन काश्तकारों के हाथों से निकलकर सूदखोर महाजनों के हाथ में जाने लगी। जमींदारी इलाकों में बड़े पैमाने पर किसानों की बेदखली हुई।
ब्रिटिश शासनकाल में किसानों की ऋणग्रस्तता प्रत्येक दशक में लगातार बढ़ती ही गई। यह 1880 के बाद ज्यामितिक दर से बढ़ती ही रही। 1929 के विश्वव्यापी आर्थिक संकट का भारत के कृषक समुदाय पर काफी बुरा असर पड़ा। खेती के उत्पादनों की कीमत इतनी तेजी से घटी कि 1929 से 1936 ई॰ के बीच समस्त ऋण की राशि 1800 करोड़ हो गई। इस असाधारण वृद्धि का मूल कारण यह था कि 1929 के बाद किसानों की आय आधे से भी कम हो गई तथा कर का भार ज्यों का त्यों रहा।
किसानों की बढ़ती हुई ऋणग्रस्तता के कारण रैयतवारी इलाकों में बड़े पैमानों पर जमीन काश्तकारों के हाथों से निकलकर सूदखोर महाजनों के हाथ में जाने लगी। जमींदारी इलाकों में बड़े पैमाने पर किसानों की बेदखली हुई।
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