Sociology, asked by petar, 1 year ago

upniveshvad samrajyavad se kis prakar bhin hai

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Answered by prashanth1551
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साम्राज्यवाद (Imperialism) वह दृष्टिकोण है जिसके अनुसार कोई महत्त्वाकांक्षी राष्ट्र अपनी शक्ति और गौरव को बढ़ाने के लिए अन्य देशों के प्राकृतिक और मानवीय संसाधनों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लेता है।[1] यह हस्तक्षेप राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक या अन्य किसी भी प्रकार का हो सकता है। इसका सबसे प्रत्यक्ष रूप किसी क्षेत्र को अपने राजनीतिक अधिकार में ले लेना एवं उस क्षेत्र के निवासियों को विविध अधिकारों से वंचित करना है। देश के नियंत्रित क्षेत्रों को साम्राज्य कहा जाता है। साम्राज्यवादी नीति के अन्तर्गत एक राष्ट्र-राज्य (Nation State) अपनी सीमाओं के बाहर जाकर दूसरे देशों और राज्यों में हस्तक्षेप करता है।
साम्राज्यवाद का विज्ञानसम्मत सिद्धांत लेनिन ने विकसित किया था। लेनिन ने 1916 में अपनी पुस्तक "साम्राज्यवाद पूंजीवाद का अंतिम चरण" में लिखा कि साम्राज्यवाद एक निश्चित आर्थिक अवस्था है जो पूंजीवाद के चरम विकास के समय उत्पन्न होती है। जिन राष्ट्रों में पूंजीवाद का चरमविकास नहीं हुआ वहाँ साम्राज्यवाद को ही लेनिन ने समाजवादी क्रांति की पूर्ववेला माना है।[2] चार्ल्स ए-बेयर्ड के अनुसार "सभ्य राष्ट्रों की कमजोर एवं पिछड़े लोगों पर शासन करने की इच्छा व नीति ही साम्राज्यवाद कहलाती है।"
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