upsarg and pratyay of chapter everest meri shikhar yatra
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मेरी शिखर यात्रा पाठ के उपसर्ग और प्रत्यय
'उपसर्ग जो शब्दांश किसी शब्द से पहले लगाकर नए शब्द का निर्माण करते हैं, वह शब्द उपसर्ग कहलाते हैं। 'उपसर्ग वह शब्दांश या अव्यय है, जो किसी शब्द के आरंभ में जुड़कर उसके अर्थ में विशेषता ला दे या उसका अर्थ ही बदल दे।'' वे उपसर्ग कहलाते है।
(उपसर्ग) आ + वास = आवास
(उपसर्ग) अ + व्यवस्थित = अव्यवस्थित
(उपसर्ग) प्रति + कूल = प्रतिकूल
(उपसर्ग) दुर् + गति = दुर्गति
(उपसर्ग) अव + रोहण = अवरोहण
(उपसर्ग) सु + रक्षित = सुरक्षित
प्रत्यय उस शब्दांश को कहते है, जो किसी शब्द के अन्त में जुड़कर उस शब्द के भिन्न अर्थ को प्रकट करता है। शब्दों के बाद जो अक्षर या अक्षर समूह लगाया जाता है, उसे प्रत्यय कहते है।
वाले – आनेवाले
इत – आकर्षित, चिह्नित, सुरक्षित, व्यवस्थित
तम – कठिनतम
ई – ऊपरी, पूर्वी, पहाड़ी, पक्की, दक्षिणी, अनूठी, जानकारी, आरोही
द - दुखद
इक – साहसिक, शारीरिक
ता – सफलता
कर – विशेषकर, टूटकर, लौटकर
याँ – कठिनाइयाँ
आन – ढलान
आई – चढ़ाई, ऊँचाई, कठिनाई
पूर्वक- दृढ़तापूर्वक
ईय – नगरीय, पर्वतीय
Answer:
Si+khar= sikar ok as this is my answer