Social Sciences, asked by Viscabarca, 11 months ago

urdu ghazal hasti apni habab kie sie hai​

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Answered by Btwitsaditi12
1

HEY MATE, HOLA

your question can't be understood

have a great day ahead

Answered by dipanshu5750
0

कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है

ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है

वो न आये तो सताती है ख़लिश सी दिल को

वो जो आये तो ख़लिश और जवाँ होती है

रूह को शाद करे, दिल को जो पुरनूर करे

हर नज़ारे में ये तनवीर कहाँ होती है

ज़ब्त-ए-सैलाब-ए-मुहब्बत को कहाँ तक रोकें

दिल में जो बात हो आँखों से अयाँ होती है

ज़िन्दग़ी एक सुलगती-सी चिता है 'साहिर'

शोला बनती है न ये बुझ के धुआँ होती है

Hope it will help you

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