Us dhul ko me teri nij shish pe chadau
Answers
Answered by
1
Answer:
मातृभूमि ! तेरे चरणों में शीश नवाऊँ।
मैं भक्ति भेंट अपनी, तेरी शरण में लाऊँ।।
माथे पे तू हो चंदन, छाती पे तू हो माला;
जिह्वा पे गीत तू हो मेरा, तेरा ही नाम गाऊँ।।
जिससे सपूत उपजें, श्री राम-कृष्ण जैसे;
- उस धूल को मैं तेरी निज शीश पे चढ़ाऊँ।
Similar questions