Hindi, asked by mjthakur404, 2 months ago

उस बैचेनी के खत्म होने का वक्त भी आ रहा है । देखो , ये तारे दल रहे है । रात भर इन्होंने रोशनी की और अब वे अपनी आखिर घड़िायाँ गिन रहे हैं । हम भी गिन रहे हैं , लेकिन हमने उम्र भर अंधेरा ही फैलाया । उजाले की कोई किरन नहीं रही । हम मौत को ही उजाला दे सके तो अपने को खुश किस्मत समझेंगे । सुबह हो गई क्या ?​

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Answered by Anonymous
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Answer:

In chemistry neutralization or neutralisation is a chemical reaction in which acid and a base react quantitatively with each other. In a reaction water,neutralization results in there being no excess of hydrogen or hydroxide ions present in the solution.

Answered by krishna210398
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Explanation:

लेखक ने अपने जीवन जुड़ी दो घटनाओं में लोगों की अच्छाई और ईमानदारी का जिक्र किया है। मेरे भाई अमित से जुड़ी ऐस ही एक घटना मुझे याद आती है। शादी के बाद मेरा भाई अपनी पत्नी के साथ हनीमून पर उत्तराखंड गया था। दोनों रोडवेज बस से वहां जा रहे थे। तभी बस में दोनों की आंख लग गई और कोई वहां से उनका कपड़ों से भरा बैग लेकर फरार हो गया। इस बैग में उनके खर्च के सारे पैसे थे। इस बात की चिंता पूरे रास्ते दोनों की सताती रही। दोनों पूरे रास्ते उस चोर कोसते रहे।

यह सच बात है कि दुनिया में भले और ईमानदार लोगों की कमी नहीं है। शिवपुरी (उत्तराखंड) पहंचते ही दोनों बस से उतरकर अपने कैंप की तरफ लौटने लगे। तभी पीछे से एस शख्स की आवाज सुनाई दी, जिसने जोर से आवाज लगाते हुए कहा कि भाई साहब अपना बैग कहां छोड़े जा रहे हो। अपना खोया हुआ बैग देखकर दोनो की जान में जान आ गई। पास आकर उस व्यक्ति ने कहा कि वो गलती से अपना बैग समझकर आपका बैग ले गया था। उसने यह भी बताया कि आपका पूरा सामान और पैसे सुरक्षित हैं।

उस बैचेनी के खत्म होने का वक्त भी आ रहा है । देखो , ये तारे दल रहे है । रात भर इन्होंने रोशनी की और अब वे अपनी आखिर घड़िायाँ गिन रहे हैं । हम भी गिन रहे हैं , लेकिन हमने उम्र भर अंधेरा ही फैलाया । उजाले की कोई किरन नहीं रही । हम मौत को ही उजाला दे सके तो अपने को खुश किस्मत समझेंगे । सुबह हो गई क्या ?​

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कभी भी खत्म न होणे वाली ऊर्जा कोनसी है

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