Hindi, asked by bagbristi157, 19 hours ago

उस ग्ह का नाम बताऐ जो अपने ंअक्ष के चारों और उत्तर से दक्षिन घुमते है तथा उनकी दो विशेषताएं लिखिए

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Answered by manishadhiman31
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अरुण ग्रह को यूरेनस भी कहते हैं। यह सूर्य से सातवां ग्रह है। द्रव्यमान के आधार पर यह चौथा बड़ा ग्रह है और व्यास के आधार पर यह तीसरा बड़ा ग्रह है। अरुण ग्रह की खोज जर्मन वैज्ञानिक विलियम हर्षल (William Herschel) ने 13 मार्च 1781 को की थी।

अरुण ग्रह एक गैस दानव ग्रह है। गैस दानव ग्रह ऐसे ग्रह है जहां पर गैस की अधिकता होती है। मिट्टी पत्थर जैसी ठोस वस्तु कम मात्रा में होती हैं। गैस दानव ग्रहों में वरुण बृहस्पति शनि और अरुण ग्रह आते हैं।

अरुण ग्रह पर बादलों की अनेक परतें पाई जाती हैं। सबसे ऊपर मीथेन गैस पाई जाती है। अरुण ग्रह के केंद्र में बर्फ और पत्थर पाए जाते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि अरुण ग्रह पर मीथेन गैस की अधिकता, तापमान और हवा के कारण हीरे की बारिश होती हो।

अरुण ग्रह का 1 साल (सूर्य के 1 चक्कर लगाने में लगा समय) पृथ्वी के 84 साल के बराबर होता है।

अरुण ग्रह का एक दिन (धुरी पर चक्कर लगाने का समय) पृथ्वी के 17 घंटे 14 मिनट के बराबर होता है।

अरुण ग्रह तक सूर्य की किरणों को पहुंचने में 2 घंटे 40 मिनट का समय लगता है जो पृथ्वी से 20 गुना अधिक है।

अरुण ग्रह का वजन 8।681 × 10^25 kg है जो पृथ्वी के वजन से 14 गुना ज्यादा है।

अरुण ग्रह के कुल 27 प्राकृतिक चंद्रमा (उपग्रह) है। इन सभी के नाम एलेग्जेंडर पोप और शेक्सपियर की रचनाओं के नाम पर रखा गया है।  5 चंद्रमाओं का नाम मिरांडा, टाइटेनिया, ओबेरॉन, एरियल और अम्ब्रियल है। सभी उपग्रहों में टाइटेनिया सबसे बड़ा उपग्रह है।

अरुण ग्रह सौरमंडल का सबसे ठंडा ग्रह है। यहां का न्यूनतम तापमान – 224 डिग्री सेंटीग्रेड पाया गया है

अरुण ग्रह का व्यास 51118 किलोमीटर है।

अरुण ग्रह की सूर्य से दूरी 2,870,972,200 (287 करोड़) किलोमीटर है।

अरुण ग्रह (Uranus) के नाम पर ही यूरेनियम पदार्थ का नाम रखा गया है।

इससे “Ice Giant” भी कहा जाता है। क्योंकि यह मुख्य रूप से बर्फ से बना हुआ है। इसके बाहरी आवरण में 82.5 % हाइड्रोजन 2.3 % मीथेन. 15.2% हिलियम गैस है। मीथेन गैस की वजह से अरुण ग्रह का रंग नीला दिखाई देता है।

अरुण ग्रह की खोज अंटार्कटिका महाद्वीप की खोज से पहले हुई थी।

अरुण ग्रह (Uranus) का नाम ग्रीक देवता के नाम पर रखा गया है। यह माना जाता है कि यूरेनस शनि के पिता थे।

इस ग्रह पर ग्रीष्म ऋतु 42 साल लंबी होती है।

अरुण ग्रह आयतन के हिसाब से इतना बड़ा है कि इसमें 63 पृथ्वी समा सकती है।

पृथ्वी की तुलना में अरुण ग्रह पर गुरुत्वाकर्षण बल कम है। यदि पृथ्वी पर कोई वस्तु 10 फीट की ऊंचाई पर उछलती है, तो अरुण ग्रह पर यह 11 फीट की ऊंचाई पर उछलेगी। इसी तरह यदि कोई वस्तु का भार पृथ्वी पर 100 किलो ग्राम है तो अरुण ग्रह पर 92 किलोग्राम होगा।

अभी तक मात्र एक अंतरिक्ष यान “Voyager 2” ने अरुण ग्रह की यात्रा की है। इसे 20 अगस्त 1977 को लांच किया गया था। 24 जनवरी 1986 को यह अरुण ग्रह की कक्षा में पहुंचा था। “Voyager 2” ने अरुण ग्रह की सतह से 81000 किलोमीटर पर चक्कर लगाते हुए 12 उपग्रहों की खोज की थी। इसके साथ ही छल्लो (Ring) और उपग्रहों की अनेक तस्वीरें भेजी थी।

अरुण ग्रह को पृथ्वी की सतह से देखना मुश्किल है पर कभी-कभी इसे रात में साफ आसमान में देखा जा सकता है। दूरबीन की मदद से इसे आसानी से देखा जा सकता है।

अभी तक अरुण ग्रह के 13 वलय (Ring) की खोज की जा चुकी है। यह धुंधले हैं जबकि शनि ग्रह के वलय चमकदार हैं।

अरुण ग्रह का घनत्व 1.27 ग्राम/ सेंटीमीटर³ है। शनि ग्रह के बाद यह सबसे कम घनत्व वाला ग्रह है। इससे यह पता चलता है कि यह विभिन्न प्रकार की बर्फ से बना हुआ है जैसे जल अमोनिया और मीथेन।

अरुण ग्रह का अक्षीय झुकाव 97.77 डिग्री है। इस वजह से इस पर दूसरे ग्रहों की तुलना में विपरीत प्रकार का मौसम पाया जाता है। देखने में यह किसी लुढकती हुई गेंद की तरह सूर्य की परिक्रमा करता है। 97.77 डिग्री के अदभुत अक्षीय झुकाव की वजह से अरुण ग्रह का एक ध्रुव 42 वर्षों तक सूर्य के सामने रहता है, जबकि दूसरा ध्रुव दूसरी तरफ अंधकार में रहता है. 42 वर्षो बाद दूसरा ग्रह सूर्य के सामने आता है।

सौर मंडल के सभी ग्रह पश्चिम से पूरब की ओर घूमते हैं लेकिन अरुण और शुक्र ग्रह ऐसे दो ग्रह हैं जो पूरब से पश्चिम दिशा की ओर घूमते हैं।

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