उस घटना का वर्णन कीजिए जिससे आपने अपने जीवन का अमूल्य सबक सीखा कि "जीवन की सर्वश्रेष्ठ वस्तुएँ खरीदी नहीं जा सकतीं"
Answers
Answer:
मेरे माता-पिता मेरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।मैं उनके बिना अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकता। मेरे जीवन में कोई ऐसी स्थिति नहीं आई है जिसमें मैंने उन्हें याद न किया हो।
This is your answer dear
please thank my answer and also Mark it as brainlist.
I know this is not the most appropriate answer but please mark my efforts dear
Answer:
जीवन में दया इतनी अमूल्य है कि इसे किसी भी कीमत पर प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है। ऐसी ही एक घटना मेरी दोस्त सानवी के जीवन में घटी थी।
एक गरीब लड़का कुछ लोगों के घरों में काम करता था और पैसे कमाता था। उन पैसों से वह खाने-पीने की चीजें खरीदता था।
एक दिन, उसे कोई काम नहीं मिला। वह बहुत भूखा और प्यासा था। उसका गला सूख गया था। इसलिए, वह भोजन मांगने के लिए कई घरों की घंटियाँ बजा रहा था। तीन घंटे बीत चुके थे लेकिन किसी ने भी उसे खाने -पीने के लिए कुछ नहीं दिया।
उसने निराशा से दूसरे घर की घंटी बजाई। एक युवती ने दरवाजा खोला। वह युवती मेरी दोस्त सानवी थी। लड़के ने पूछा "दीदी, कुछ खाने को मिलेगा?"। तब सान्वी रसोई में गई और एक गिलास दूध ले आई। फिर उसने लड़के को दूध का गिलास दिया। लड़के ने दूध पी लिया जिससे उसका पेट भर गया और उसकी प्यास बुझ गई। "धन्यवाद" उसने कहा और चला गया।
कई साल बाद, सान्वी को बीमार होने के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था। एक प्रसिद्ध चिकित्सक ने उसका इलाज किया। कुछ दिनों के बाद वह ठीक हो गई लेकिन उसे इस बात की चिंता थी कि अस्पताल का बिल कितना आएगा।
जब सान्वी को अस्पताल का बिल दिया गया, तो वह पूरी तरह से चकित रह गई। बीस साल पहले की एक घटना को याद कर उसकीआंखों में आंसू भर आए। बिल पर डॉ. सूरज ने हस्ताक्षर किए थे। बिल में लिखा था, "एक गिलास दूध की कीमत अमूल्य है"।