उस झिलमिलाती दुनिया में
ला सकती हूँ वहाँ से चमकीले टुकड़े तेरे सपनों के,
समुंदर की लहरों के थपेड़ों में ढूँढ सकती हूँ मैं
मोती और सीपी और नाविकों के किस्से।
कर सकती हूँ माँ, मैं सब-कुछ जो रोशनी-सा चमकीला
रंगों-सा चटकीला हो, पर आने तो दे,
डर मत माँ .... मुझे आने दे।
प्रश्नोत्तर :
इस पद्यांश की कवयित्री का नाम क्या है?
1.
2. लड़की दूर-पार क्यों जाना चाहती है?
3. समुंदर में क्या-क्या मिलते हैं?
उ.
4. लड़की को दुनिया में आने से कौन रोक रहा है?
5. लड़की ने माँ की आँखों में क्या देखा है?
उ०
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3. moti or sipi
4.maa
5.dar
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