उस दिन मैंने जीवन का एक अहम निर्णय लिया - मैं कभी झूठ नहीं बोलूँगा ।‘इस घटना को बताते हुए अरुण गांधी पत्र लिखते हैं। मित्र के नाम लिखा अरुण गांधी का पत्र तैयार करें I
अथवा
अगर पिताजी ने मुझे अन्य पालकों की तरह सज़़ा दी होती तो क्या मैंने कोई सबक सीखा होता। इसके बारे में अरुण गांधी अपनी डायरी में लिखते हैं। डायरी का पन्ना तैयार करें।
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इस तरह झूठ बोलना क्या सही है? ... क्योंकि बेटे की गलती का कारण वे अपने को मानते हैं। ... इसी दर्द के एहसास से अरुण गाँधी ने यह निर्णय लिया- मैं कभी झूठ नहीं बोलूँगा। ... उसने मित्र को पत्र लिखा। ... अपने जीवन के एक विशिष्ट बात बताने के लिए मैं यह चिट्ठी लिख रहा हूँ। ... उन्हें मैंने कार से शहर छोड़ा। ... वे प्रायश्चित करते हुए घर तक का रास्ता पैदल चले।
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