उसी उदार की कथा सरस्वती बसंती उसी उदार से धरा कृतार्थ भाव बना मनाती उसी उदार की सदा संस्कृति गुजरती है तथा उसी उदार को समस्त सृष्टि पूजती अखंड आत्म भाव जो असीम विश्व में भरे वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मर भाव स्पष्ट कीजिए
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sorry I don't the answer
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