Hindi, asked by niyatik572, 2 months ago

उसका व्यक्तित्व कांच की चूड़ियों के समान ना था इस बात के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है​

Answers

Answered by salunkheyogita3110
2

Answer:

उसका व्यक्तित्व कांच की चूड़ियों के समान था इस बात के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है कि बदलू का व्यक्तित्व बिल्कुल कांच के समान था क्योंकि आजकल सभी औरतों को कांच की चूड़ियां पहनना पसंद था कोई लाख की चूड़ियां खरीद ता ही नहीं था इसी कारण बदलू को बहुत बुरा लगता था और वह अंदर से पूरी तरह टूट चुका था।

Answered by sayasharma7
2

Answer:

: मुझे प्रसन्नता हुई कि बदलू ने हारकर भी हार नहीं मानी थी। उसका व्यक्तित्व काँच की चूड़ियों जैसा न था कि आसानी से टूट जाए। ... क्योंकि काँच की चूड़ियों का प्रचलन होने से भले उसने लाख की चूड़ियों का काम बंद कर दिया लेकिन काँच की चूड़ियाँ बेचने का काम शुरू न किया।

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