उसने अंगूरों को पाने के लिए कई बार उछाल लगाई अंत में निराश होकर उसने कहा अंगूर खट्टे
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यह सोचकर लोमड़ी अपने मन को मना के उछल-उछल कर अंगूरों के गुच्छों तक पहुंचने की कोशिश ... परंतु वह हर बार नाकाम रह जाती। ... अंत में बेचारी लोमड़ी उछल-उछल कर थक गई और अपने घर की ओर चल दी। जाते-जाते उसने सोचा- 'ये अंगूर खट्टे हैं। इन्हें पाने के लिए अपना समय नष्ट करना ठीक नहीं। ... इस तरह लोमड़ी ने अपनी असमर्थता छुपाने के लिए कहा कि अंगूर खट्टे हैं ।
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उसने अंगूरों को पाने के लिए कई बार उछाल लगाई अंत में निराश होकर उसने कहा अंगूर खट्टे है
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