Use Samay ke bare mein sochiye Jab aapko apni Pasand ke Karya ko karne ki anumati nahin Thi tab aapko Kaisa mahsus hua tha kya aapane Kabhi kisi aur ki pasand ya svatantrata ko badhit kiya hai
Answers
अक्टूबर १९५९ की बात है। बरावी की परीक्षा सर पर आयी थी और उसिके तयारी में मै मग्न था। रात दिन खूब पढ़ाई की। फरवरी में बरावी की परीक्षा दी और सारे पेपर अच्छे गए थे। अब मुझे चिंता थी वह मेरे आगे के पढ़ाई की। क्युकी महाविद्यालय की फीस भरने के लिए हमारे परिवार में उतने पैसे नहीं थे। मुझे आगे जाके बहोत पढ़ना था।डॉक्टर बनना चाहता था लेकिन घर में २ छोटे भाई और एक बहन भी थीं, उनके शिक्षण के लिए भी पैसे कैसे तैसे जमता था।
पिताजी अपने पगार से घर चलाते थे और दादीजी के इलाज में पैसे खर्च हो जाते थे। तभी डॉक्टर की पढ़ाई करने की इच्छा मन से निकल गई थी और मुझे बहोत बुरा लग रहा था।
आपने परिस्थिति सुधारने के लिए मेंने पार्ट टाइम जॉब करने की इच्छा मन में जतन की क्युकी जो मेंने अनुभव लिया है वह में अपने भाई बहन को नहीं देना चाहता। में उन्हें डॉक्टर बनाऊंगा और उनके शिक्षण की जिम्मेदारी लुंगा। पार्ट टाइम जॉब करते करते मेंने बच्चों की पढ़ाई (ट्यूशन) लेना चालू की और दो चार पैसे मुझे वहा मिलने लगे। ऐसे करते करते मेंने अपने छोटे भाई को इंजिनियर बनाया और दूसरे को डॉक्टर।
Answer:
उत्तर
Explanation:
जब मैं छोटा था, तब मुझे लगता था कि मेरे माता पिता मेरी स्वतंत्रता में बाधक है. वो मुझे बहुत सारे काम करने से ये कह कर रोकते थे कि “अभी तुम छोटे हो और तुम्हें समझ नहीं है”. अब जब मैं बड़ा हो गया हूँ तो मुझे उनकी बातों का मतलब समझ में आता है और मुझे लगता है कि वो सही थे.
साथ ही मुझे ये लगता है कि वो कई बातें मुझे ठीक तरह से समझा नहीं पाते थे जिसकी वजह से मैं उनसे क्रोधित हो जाता था. इसीलिए अब मैं चाहता हूँ कि मैं अपने बच्चों को वहीं बातें और नज़रिया ठीक तरीके से समझा पाऊँ ताकि उन्हें ऐसा नहीं लगे कि माँ बाप उनको किसी काम से रोक कर उनके साथ किसी प्रकार का अन्याय कर रहे हैं!