Usha ki
Deepavali laghukatha dwara prapt Sandesh likhiye
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उषा जी एक बहुत अच्छी लेखिका है। इनकी दीपावली की लघु कथा बहुत ही अच्छी है।
दीपावली लघु कथा का संदेश :-
उषा जी की दीपावली लघु कथा द्वारा प्राप्त संदेश यह है कि राजी के घर में कोई सदस्य नहीं था । और वह अकेले अपने घर में थी। वह अपने बिस्तर पर बैठे खिड़की से बाहर की ओर देख रही थी । सारे लोग बाहर में अपने अपने घर को सजा रहे थे । और कुछ औरतें सजावट का सामान खरीद रही थी । कुछ बच्चे पटाखे खरीद रहे थे । और कुछ बच्चे मंदिर की ओर जा रहे थे।
उषा यह सब देख कर बहुत उदास थी। उसके मन में ख्याल आया, कि मेरे बच्चे तो दूसरे शहर में अपने पिता के साथ रहते हैं। वह कुछ ही और अपनी रसोई घर की ओर चली।
तभी दरवाजे पर घंटी की आवाज सुनाई देती है । वह सोचती है। मेरे बच्चे तो यहां है नहीं । तो मेरे घर पर और कौन आएगा । वह दरवाजे की ओर बढ़ती है। जैसे ही दरवाजा खोलती है, देखती है।
"अरे छुटकी " तुम तुम यहां क्यों आए?
'छुटकी बोलती है ' "और छुटकी के साथ कुछ और बचे रहते हैं"
आंटी हम लोगों को पता है कि आपके बच्चे दूसरे शहर में रहते हैं। इसीलिए हम लोग सोचे कि हम सब आपके घर की रौनक बढ़ाने आए। देखिए हम सब सजावट का सामान भी लाएं और आपके घर को सजाएंगे ,और आपके घर में ही दीपावली मनाएंगे।
राजिया देखकर बहुत खुश होती है और वह भी बच्चों के साथ सजावट में मदद करने लगती है।
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Navratri 14 sal ke din banaa hua mahaul answer