उषा बटोर पर अरुणा गांठ अब जागो जीवन के प्रभात की पंक्तियां बताएं
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ऊषा बटोरती अरुण गात! अब जागो जीवन के प्रभात! मुँद रही किरण दल में हैं अब, चल रहा सुखद यह मलय वात!
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