Hindi, asked by khezir5573, 20 days ago

उषा का पूरा कंपाउंड इन से भरा हुआ था।

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Answered by shishir303
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उषा का पूरा कपाउंंड दीवाले के पटाखों के कचरे से भरा था।

व्याख्या :

उषा का पूरा कंपाउंड पटाखों के कचरे से भरा हुआ था। ‘उषा की दीपावली’ एक लघु कथा है जिसने पूजा के घर में दिवाली का उत्सव मनाया जा रहा है। सुबह के समय पूरा घर पटाखों के कचरे से भरा था, क्योंकि रात भर पटाखे चले थे। सुबह उषा देखती है कि सफाई करने वाला लड़का बबन आटे के बुझे हुए दीपों को कचरे के डिब्बे में डाल कर उन्हें अपने जेब में रख रहा है। पूछने पर उसने बताया कि वह इन आटे के दीपों को सेंक कर खाएगा। तब उषा को पता चला कि कुछ लोग दुनिया में ऐसे भी हैं जिन्हें पेट भर खाना नहीं मिलता और कुछ लोग अन्न का दुरुपयोग करते हैं।, अन्न की बर्बादी करते हैं।

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