Hindi, asked by dishudhami11, 8 months ago

उषा किस दिशा में जाग उठी है ​

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Answered by shishir303
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उषा पूर्व दिशा में जाग उठी है।

‘उड़ चल हारिल’ कविता जिसकी रचना ‘अज्ञेय जी’ ने की है, इस कविता में कवि कहता है कि...

उड़ चल हारिल, लिए हाथ में यही अकेला ओछा तिनका।

उषा जाग उठी, प्राची में, कैसी बाट, भरोसा किनका।

यहाँ पर ऊषा से तात्पर्य प्रातःकालीन वातावरण से होता है। जब सूर्य उदय होने को हो रहा होता है और उदित पूरे हो रहे सूर्य की लालिमा से मंद-मंद प्रकाश चारों तरफ बिखरने लगता है। ये ही प्रातः कालीन उषा कहलाती है।

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