Hindi, asked by askumarpatelpatel78, 5 months ago

उषा कविता के अनुमानों को भी स्पष्ट कर लेकर जिनके कारण इस कविता की गांव की सुबह का चित्र कहा जाता है answer ​

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Answered by lalitnit
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Answer:

कविता के निम्नलिखित उपमानों को देख कर कहा जा सकता है कि उषा गाँव की सुबह का गतिशील शब्द चित्र है-

1 ‘राख से लीपा हुआ चौका’, यहां पर चौका एक ग्रामीण उपमान है। कवि भोर के समय गृहणियों के द्वारा चौके को लीपने की शुरुआत करने को दृश्यमान करते हैं।

2 ‘बहुत काली सिल जरा-से लाल केशर से कि धुल गयी हो’, यहां सिल उपमान है। अगला दृश्य चौके में रसोई के कामकाज की शुरुआत का है। सिल का उपयोग करने से।

3 ‘स्लेट पर या लाल खड़िया चाक मल दी हो किसी ने’,यहां पर उपमान है स्लेट। दृश्य और आगे बढ़ता है और बच्चे के विद्यालय की स्लेट पर पहुचता है।

4 ‘नील जल में या किसी की गौर झिलमिल देह जैसे हिल रही हो।’

यहां स्त्री की गौर वर्ण वाली देह का उपमान है। ग्रामीण स्त्री नदी या ताल में जल भरने अथवा कपड़े घोने पहुंची है और उसकी देह का बिंब झिलमिला रहा है।

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