CBSE BOARD XII, asked by rawatshivam7899, 3 months ago

उषा कविता का सार अपने शब्दों में लिखिए​

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Answered by prathmeshH
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कवि कहता है कि सूर्योदय से पहले आकाश का रंग गहरे नीले रंग का होता है तथा वह सफेद शंख-सा दिखाई देता है। आकाश का रंग ऐसा लगता है मानो किसी गृहिणी ने राख से चौका लीप दिया हो। सूर्य के ऊपर उठने पर लाली फैलती है तो ऐसा लगता है जैसे काली सिल को किसी ने धो दिया हो या उस पर लाल खड़िया मिट्टी मल दिया हो। नीले आकाश में सूर्य ऐसा लगता है मानो नीले जल में गोरी युवती का शरीर झिलमिला रहा है। सूर्योदय होते ही उषा का यह जादुई प्रभाव समाप्त हो जाता है।

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