उष्णकटिबंधीय वर्षा वन में रहने वाला हाथी किस प्रकार अनुकूलित था
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¿ उष्णकटिबंधीय वर्षा वन में रहने वाला हाथी किस प्रकार अनुकूलित था ?
➲ उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में रहने वाला हाथी वर्षावनों में रहने के लिए सर्वथा अनुकूलित है। हाथी की लंबी सूंड होती है, जो उसके लिए बहुत उपयोगी होती है। इसके बड़े कान भी इसके लिए अनेक प्रकार से उपयोगी होते हैं। हाथी अपनी लंबी सूंड के माध्यम से भोजन को उठाने का कार्य करता है। वह अपनी लंबी सूंड का उपयोग नाक के रूप में सुनने के लिए भी करता है। उसकी सूंड द्वारा सूंघने की शक्ति तीव्र होती है।
हाथी अपने बाहरी दिखावटी लंबे दाँतों की सहायता से अपनी पसंद के वृक्षों की छाल को आसानी से छीन लेता है। इन सभी गुणों के कारण वह अपने भोजन को आसानी से जुटा लेता है। हाथी के बड़े एवं लंबे कान छोटी से छोटी ध्वनि को शीघ्रता से सुन लेते हैं। हाथी के ये बड़े कान गर्म जलवायु में उसके शरीर को ठंडा रखने में सहायक होते हैं।
यही कारण है कि हाथी अपनी लंबी सूंड, बड़े कान और मोटी चमड़ी के कारण उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों की गर्म और आर्द्र जलवायु में रहने के लिए सर्वथा अनुकूलित है।
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