Usse Gas ka naam bataen Jo aspataal mein dabbe ke rup mein upsthit rahte hain
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उत्तर: लाफ़िंग गैस या हंसाने वाली गैस का वैज्ञानिक नाम है नाइट्रस ऑक्साइड. ये एक रंगहीन और गंधहीन गैस है जिसकी खोज एक अँग्रेज़ वैज्ञानिक जोज़फ़ प्रीस्टली ने 1793 में की थी. इसके बाद ब्रिस्टल के न्यूमैटिक इंस्टिट्यूट के हम्फ़्री डेवी ने इसके कुछ प्रयोग किए और पाया कि जो लोग इसे कुछ देर सूंघते हैं वो हंसने लगते हैं. उन्ही ने इसका नाम रखा लाफ़िंग गैस.
अगले 40 सालों तक इस गैस का इस्तेमाल मनोरंजन के लिए ही होता रहा. अमरीका में दाँतों के एक डॉक्टर होरेस वैल्स ने एक प्रदर्शन के दौरान देखा कि इस गैस को सूंघने वाले को चोट लगी लेकिन दर्द की अनुभूति नहीं हुई. उन्होंने इसका प्रयोग दाँत निकालने में किया जो किसी हद तक कामयाब रहा लेकिन चिकित्सा जगत ने उसे पूरी तरह सफल नहीं माना.
सार्वजनिक अपमान होने से उन्होने आत्महत्या कर ली. उनकी मृत्यु के डेढ़ सौ साल बाद नाइट्रस ऑक्साइड को बेहोश करने वाली दवा के रूप में दांतों के इलाज में प्रयोग किया जाने लगा.
रैटल स्नेक