उत्क्रमणीय तथा अनुक्रमणीय परिवर्तन को उदाहरण देकर समझाइए।
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उत्क्रमणीय अभिक्रिया - वह अभिक्रिया जिसमे अभिक्रिया से उत्पन्न उत्पाद पुन अभिकिया करके वही उत्पाद बना लेते है जो अभिक्रिया मे अभिकारक के रुप मे शामिल होते है अर्थात ये ऐसी अभिक्रिया अग्र और पश्च दोनो दिशाओ मे चलती है।
उदाहरण - H2 +I2⇌ 2HI एक उत्क्रमणीयअभिक्रिया है |
अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया - वह अभिक्रिया जिसमे एक बार उत्पाद बनने के बाद अभिक्रिया रूक जाती है अर्थात उत्पाद पुन पश्च दिशा मे उत्क्रमणीय नही होते।
उदाहरण - 3 Fe + 4 H2O → Fe3O4 + 4 H2
यहा Fe तथा H2O क्रिया करके Fe3O4 और H2 बनाते हैं और अंत में अभिक्रिया रुक जाती है |
उत्क्रमणीय व अनुत्क्रमणीय परिवर्तन —
उत्क्रमणीय परिवर्तन — पदार्थ में होने वाले वह परिवर्तन जो दोनों दिशाओं में संभव हों अर्थात एक बार पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन होने के बाद पुनः वो पदार्थ परिवर्तित स्वरूप से अपने मूल स्वरूप में वापस परिवर्तित हो सके, ऐसे परिवर्तनों को उत्क्रमणीय परिवर्तन कहा जाता है।
उत्क्रमणीय परिवर्तन का उदाहरण — जैसे कि पानी का बर्फ में बदलना।
पानी बर्फ में बदल जाता है और बर्फ से पुनः पानी में परिवर्तित हो सकता है। यह परिवर्तन दोनों में संभव है इसलिए यह उत्क्रमणीय परिवर्तन है।
अनुत्क्रमणीय परिवर्तन — पदार्थों में होने वाले इस तरह के परिवर्तन क्यों केवल एक दिशा में ही होते हैं अर्थात उनका वापस अपने मूल स्वरूप में आना संभव नहीं हो पाता, अनुत्क्रमणीय परिवर्तन कहलाते हैं।
अनुत्क्रमणीय परिवर्तन का उदाहरण — जैसे कि दूध से दही का बनना।
दूध से दही में परिवर्तन एक अनुत्क्रमणीय परिवर्तन है, क्योंकि यह एक ही दिशा में संभव है। दूध से दही तो बन सकता है, लेकिन दही से दूध नहीं बन सकता। दही बनने के बाद वह अपने दूध के मूल रूप में परिवर्तित नहीं हो सकता, इसलिए यह एक अनुक्रमणीय परिवर्तन है।