Chemistry, asked by gaganpatel4716, 1 year ago

उत्प्रेरक के माध्यमिक यौगिक सिधान्त

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Answered by perfect2003
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Catalyst Types, Characteristics and Their Tasks in Hindi)

उत्प्रेरक का अर्थ या परिभाषा:

उत्प्रेरक उस पदार्थ को कहते हैं जो किसी रासायनिक क्रिया के वेग को बदल दे, परंतु स्वयं क्रिया के अंत में अपरिवर्तित रहता है, अत: उसे पुन: काम में लाया जा सकता है। अधिकांश क्रियाओं में उत्प्रेरक प्रतिक्रिया की गति को बढ़ा देता है। ऐसे उत्प्रेरकों को धनात्मक उत्प्रेरक कहते है; परंतु कुछ ऐसे भी उत्प्रेरक है जो रासायनिक क्रिया की गति को मंद कर देते हैं। ऐसे उत्प्रेरक ऋणात्मक उत्प्रेरक कहलाते हैं।

औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण रसायनों के निर्माण में उत्प्रेरकों की बहुत बड़ी भूमिका है क्योंकि इनके प्रयोग से अभिक्रिया की गति बढ जाती है जिससे अनेक प्रकार से आर्थिक लाभ होता है और उत्पादन तेज होता है। इसलिये उत्प्रेरण के क्षेत्र में अनुसंधान के लिये बहुत सा धन एवं मानव श्रम लगा हुआ है।

उत्प्रेरक की विशेषताएँ:

उत्प्रेरक की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

क्रिया के अंत में उत्प्रेरक अपरिवर्तित बच रहता है। उसके भौतिक संगठन में चाहे जो परिवर्तन हो जाएँ, परंतु उसके रासायनिक संगठन में कोई अंतर नहीं होता।

उत्प्रेरक पदार्थ की केवल थोड़ी मात्रा ही पर्याप्त होती है। उत्प्रेरक की यह विशेषता इस तथ्य पर निर्भर है कि वह क्रिया के अंत में अपरिवर्तित रहता है। परंतु कुछ ऐसी क्रियाओं में, जिनमें उत्प्रेरक एक माध्यमिक अस्थायी यौगिक बनता है, उत्प्रेरक की अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है।


Darklearner7369: please answer my recent question plz
Answered by Swarnimkumar22
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  1. उत्प्रेरक किसी रासायनिक अभिक्रिया को प्रारंभ नहीं करता
  2. उत्प्रेरक के अल्प मात्रा की अभिक्रिया के लिए पर्याप्त होती है
  3. उत्प्रेरक को क्रिया के अंत में भार या बनावट की दृष्टि से अपरिवर्तित रहता है

Example -

C2H5OH -----> C2H4 + H2O

यहां उत्प्रेरक एलुमिना है

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