उत्साह कविता का मूल भाव लिखिए?
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उत्साह का भावार्थ(सार)- उत्साह कविता में कवि कहता है की संसार के सभी लोग गर्मी के कारण व्याकुल और अनमने हो रहे थे। संसार के संपूर्ण मानव-समुदाय में बदलाव के परिणामस्वरूप व्याकुलता और अनमनी परिस्थितियों का वातावरण बना हुआ था। साहित्य के द्वारा ही समाज में चेतना का भाव आने का भरोसा बना है। हे कभी न समाप्त होने बादल!
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