उत्साह कविता में बादल किन किन अर्थो की ओर संकेत करता है?
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Answer:
कविता में बादल ललित कल्पना और क्रांति चेतना की ओर संकेत करता है। यह एक तरफ पीड़ित-प्यासे लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने वाला है तो दूसरी तरफ वह नई कल्पना और नए अंकुर के लिए विध्वंस, विप्लव और क्रांति चेतना की ओर संकेत करता है। ... ओज और जोश के लिए ही कवि बादलों को गरजने के लिए कहता है।
Answer:
कविता में बादल ललित कल्पना और क्रांति चेतना की ओर संकेत करता है। यह एक तरफ पीड़ित-प्यासे लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने वाला है तो दूसरी तरफ वह नई कल्पना और नए अंकुर के लिए विध्वंस, विप्लव और क्रांति चेतना की ओर संकेत करता है। बादलों की तुलना बाल कल्पना से इसलिए की गई है क्योंकि बच्चों की कल्पनाएँ मधुर होती हैं तथा बदलती रहती हैं।
Explanation:
कवि का कहना है कि बादलों की रचना में एक नवीनता है। काले-काले घुंघराले बादलों का अनगढ़ रूप ऐसे लगता है जैसे उनमें किसी बालक की कल्पना समाई हुई हो। उन्हीं बादलों से कवि कहता है कि वे पूरे आसमान को घेर कर घोर ढ़ंग से गर्जना करें। बादल के हृदय में किसी कवि की तरह असीम ऊर्जा भरी हुई है।
कविता में बादल ललित कल्पना और क्रांति चेतना की ओर संकेत करता है। यह एक तरफ पीड़ित-प्यासे लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने वाला है तो दूसरी तरफ वह नई कल्पना और नए अंकुर के लिए विध्वंस, विप्लव और क्रांति चेतना की ओर संकेत करता है। बादलों की तुलना बाल कल्पना से इसलिए की गई है क्योंकि बच्चों की कल्पनाएँ मधुर होती हैं तथा बदलती रहती हैं।
'उत्साह' कविता में बादल चेतना, जागृति और क्रांति का प्रतीक है। कवि बादलों से गरजने के लिए इस लिए कहता है क्योंकि गरजना से लोगो में उत्साह और क्रांति का संचार होता है।
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