'उत्साह' कविता में बादल किसका प्रतीक है? कवी नें बादल को बरसने के स्थान पर 'गरजने' को क्यों कहा है?
Answers
बादल क्रांति का प्रतीक है
'उत्साह' कविता में बादल किसका प्रतीक है? कवी नें बादल को बरसने के स्थान पर 'गरजने' को क्यों कहा है?
‘उत्साह’ कविता में कवि ने बादलों को नवचेतना व क्रांति का प्रतीक बनाया है।
कवि ने बादलों का आह्वान किया है। ‘उत्साह’ कविता ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ जी द्वारा रचित कविता है, जो कि एक आह्वान गीत है। इसमें कवि ने बादलों का आह्वान किया है। कवि ने बादलों को नवचेतना व क्रांति का प्रतीक बनाया है। किसी भी परिवर्तन के लिए नवचेतना की आवश्यकता होती है। गर्मी से त्रस्त वातावरण में बादल परिवर्तन की क्रांति बनकर गरजते-बरसते हैं तो मौसम सुहावना होता है और गर्मी से त्रस्त प्राणियों को राहत मिलती है। इस तरह बादल क्रांति द्वारा परिवर्तन लाकर नवचेतना का प्रतीक बनते हैं इसीलिए कवि बादलों का आह्वान कर रहा है।
#SPJ3
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