उत्साह कविता में सुंदर कल्पना और क्रांति चेतना दोनों हैं कैसे Of not answered correctly then I'll restrict you
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‘उत्साि’ कविता में सुन्दर कल्पना और क्राींनत चेतना दोनों िैं। कै से
उत्साह कविता में सुंदर कल्पना और क्रांति चेतना दोनों हैं कैसे
उत्साह कविता सूर्यकांत त्रिपाठी निराला द्वारा लिखी गई है | उत्साह कविता में सुंदर कल्पना और क्रांति चेतना दोनों का वर्णन किया है| बादल धरती के सभी प्राणियों को नया जीवन प्रदान करते हैं और यह हमारे अंदर के सोये हुए साहस को भी जगाते हैं। बादल उत्साह और ऊर्जा एवं उमंग का प्रतीक है वह घोर गर्जना करते हैं और बरसते हैं जिससे मन में उत्साह का भाव का संचार होता है।
सभी प्राणियों में क्रांति और नई तमना भरना चाहते है| वह उन्हें आलस्य छोड़ कर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देते है| मानव जीवन को पीड़ाओं को दूर करने के लिए प्रेरित करता है|
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“जैसे बादल उमड़-घुमड़कर बारिश करते हैं, वैसे ही कवि के अंतर्मन में भी भावों के बादल उमड़-घुमड़कर कविता के रूप में अभिव्यक्त होते हैं। ऐसे ही किसी प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर अपने उमड़ते भावों को कविता में उतारिए।