उत्साह निबंध में लेखक के विचारो को अपने शब्दो में लिखिए।
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बात यह है कि उत्साह एक यौगिक भाव है जिसमें साहस और आनंद का मेल रहताहै। जिस व्यक्ति या वस्तु पर प्रभाव डालने के लिए वीरता दिखाई जाती है उसकी ओर उन्मुख कर्म होता है और कर्म की ओर उन्मुख उत्साह नामक भाव होता है। सारांश यह है कि किसी व्यक्ति या वस्तु के साथ उत्साह का सीधा लगाव नहीं होता।
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