Hindi, asked by s20917araghava01088, 7 months ago

उत्तर छोटू का परिवार जमीन के नीचे रहता था ​

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Answered by djanjjjs135
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छोटू का परिवार जमीन के नीचे इसलिए रहता क्योंकि ऊपर सतह पर नासा का अंतरिक्ष यान मंगल पर परिकक्षण के लिए आया करता था । इसलिए छोटु और उसका परिवार जमीन पर नहीं रहता था

Answered by Anonymous
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उन्होंने कहा, श्रद्धा से ही श्राद्ध की उत्पति हुई है. ऑनलाइन पिंडदान की कई संस्थाओं ने व्यवस्था की है, लेकिन हम लोगों ने इसका विरोध किया है.

उन्होंने बताया, "धर्मशास्त्र में कहीं भी ऑनलाइन की व्यवस्था का उल्लेख नहीं है. पिंडदान पुत्रों द्वारा पितृऋण से मुक्ति का मार्ग है, लेकिन जब पुत्र ही उपस्थित नहीं होगा तो फिर यह तो धोखा है."

Pitru Paksha 2020

हिन्दु धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितरों की आत्मा की शांति एवं मुक्ति के लिए पिंडदान अहम कर्मकांड है. आश्विन मास के कृष्ण पक्ष को 'पितृपक्ष' या 'महालय पक्ष' कहा जाता है, जिसमें लोग अपने पुरखों का पिंडदान करते हैं.

मान्यता है कि पिंडदान करने से मृतात्मा को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. ऐसे तो पिंडदान के लिए कई धार्मिक स्थान हैं परंतु सबसे उपयुक्त स्थल बिहार के गया को माना जाता है.पितृपक्ष प्रारंभ होने के एक दिन पहले पुनपुन नदी में तर्पण, पिंडदान कर श्रद्घालु यहां पहुचते हैं और पितृपक्ष प्रारंभ होने के साथ विभिन्न पिंडवेदियों पर पिंडदान करते हैं. इस बार मेले को रद्द करने के बाद प्रशासन तीर्थयात्रियों को गया पहुंचने के लिए मना कर रहा है.

इधर, गया के पंडों ने ऑनलाइन पिंडदान का भी विरोध करते हुए इसका बहिष्कार कर दिया है. तीर्थ और वृत्ति सुधारिणी सभा के अध्यक्ष गजाधर लाल कटियार ने बताया कि मोक्षस्थली गया में पिंडदान ना कभी रुका है और ना कभी रुकेगा.लोग अपने पुरखों की चिटिठयों को किस रूप में

सँजोकर रखते है? हर साल पितृपक्ष में लाखों लोग पितरों को मोक्ष दिलाने की कामना के साथ बिहार के 'गया' जाते हैं. पर इस साल यहां सन्नाटा है

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