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उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को कुदरत ने कहर बरपाते हुए भारी तबाही मचाई। नीती घाटी में रैणी गांव के शीर्ष भाग में ऋषिगंगा के मुहाने पर सुबह करीब 9:15 बजे ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटकर ऋषिगंगा में गिर गया, जिससे नदी में भीषण बाढ़ आ गई। इस जल प्रलय से नदी पर निर्मित 13 मेगावाट की ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गई।
वहीं, एनटीपीसी की तपोवन स्थित 500 मेगावाट की निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा। दोनों परियोजनाओं में काम कर रहे 155 से ज्यादा मजदूरों और स्थानीय लोगों के हताहत होने की खबर है। अभी आठ लोगों के शव मिले हैं। जिला प्रशासन के अनुसार, बाढ़ के दौरान ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना में 35 से 40 लोग काम कर रहे थे, जबकि तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना में कार्य करने वाले 178 कर्मचारियों में से 116 काम पर थे, जिनमें से 25 लोगों को एक सुरंग से सकुशल निकाल लिया गया है। कुछ लोग मोबाइल चला रहे थे, जिससे फंसे लोगों का पता चला।