Hindi, asked by Grandsato9320, 1 year ago

उत्तर-पूर्वी भारत के पहाड़ी क्षेत्रों के लिए विशेष प्रावधानों की व्यवस्था करने के पीछे विद्यमान
कारणों की व्याख्या कीजिए।​

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Answered by bhatiamona
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Answer:

उत्तर पूर्वी राज्यों को विशेष दर्जा दे दिए जाने के प्रावधानों के अनेक कारण हैं। उन राज्यों को विशेष दर्जा दिया जाता है। जिनकी भौगोलिक परिस्थिति अत्यंत कठिन होती है जो इलाके दुर्गम होते हैं और सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण भी होते हैं। जहां पर सामाजिक और आर्थिक पिछड़ापन होता है। जिसके कारण वह राज्य या क्षेत्र विकास की दौड़ में अन्य राज्यों या क्षेत्रों से पिछड़ जाते हैं तब उन्हें समान स्तर पर लाने के लिए विशेष दर्जा दिया जाता है।

उत्तर पूर्वी क्षेत्र जिसमें 7 राज्य आते हैं वह सात बहनों के नाम से मशहूर हैं। जिनमें असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा है। सिक्किम को मिलाकर ये आठ राज्यों का समूह उत्तर-पूर्वी भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है। यह इलाका अत्यंत दुर्गम है तथा इसकी संस्कृति भी भिन्न है। यहाँ लगभग आधा क्षेत्र वनाच्छादित है और इन क्षेत्रों में विभिन्न जातियों और जनजातियों के 400 से अधिक समुदायों के लोग रहते हैं अनेक तरह की भाषाएं इस क्षेत्र में बोली जाती हैं। विकास के स्तर पर यह क्षेत्र देश के बाकी क्षेत्रों के बराबर नहीं आ पाए हैं इसके लिए इन इन राज्यों को विशेष प्रावधानों के तहत छूट दी जाती हैं। इसमें सरकार द्वारा देने जाने वाले आर्थिक पैकेज शामिल हैं जिसमें इन्हें 90% तक मदद के तौर पर मिलती है केवल 10% रकम ही बतौर कर्ज मिलती है। इन क्षेत्रों में रोजगार की स्थिति बहुत अधिक सराहनीय नहीं है और क्षेत्रों की कठिन भौगोलिक स्थिति के कारण जीवन में अनेक कठिनाइयां हैं। इस कारण सरकार विशेष प्रावधान देकर इन क्षेत्रों में विकास देश के बाकी हिस्सों के साथ विकास के पथ पर बराबरी पर लाना चाहती है, इसलिए उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों को विशेष दर्जा दिया गया हैं।

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