Hindi, asked by Maheshpal, 9 months ago

उत्तर प्रदेश पॉलिथीन मुक्त पर 700 शब्दों में निबंध

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Answered by shishir303
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                                                    (निबंध)

                              उत्तर प्रदेश पॉलिथीन मुक्त  

आज हमें ये सकंल्प लेना है कि अपने उत्तर प्रदेश को पाॉलिथीन मुक्त प्रदेश बनाना है। पॉलिथीन अब हमारे लिये और हमारे पर्यावरण के लिये अभिशाप बनती जा रही है। हम सबने रक्तबीज राक्षस के बारे में तो सुना और पढ़ा ही होगा कि वो खत्म ही नही होता था, जितना मारते फिर पैदा हो जाता। उसी प्रकार भी प्लास्टिक भी आधुनिक युग का रक्तबीज ही है जो खत्म होने का नाम ही नही लेता। हमें दुर्गा रूपी अवतार की जरूरत है, जो इस रक्तबीज का नाश कर सके। वो दुर्गा है हमारी इच्छा शक्ति और संकल्प शक्ति। हमे अपनी संकल्पशक्ति से प्लास्टिक का समूल नाश कर देना है।

प्लास्टिक आज के समय का एक सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाला पदार्थ है। पॉलिथिन प्लास्टिक से बनने वाला पदार्थ है। यह आज हमारे लिए एक ऐसी अनचाही जरूरत बन गया है जिसे हम ना चाह कर भी उपयोग में लाते हैं। हम इसके दुष्परिणामों को जानते हैं पर इसके सुविधाजनक स्वरूप की वजह से हम इसको अपने दैनिक जीवन में उपयोग में लाते हैं। यह आज हमारे जीवन की आवश्यकता बन गया है। हमारे जीवन में इस कदर समाहित हो चुका है कि हमारे दैनिक कार्यों से जुड़े सारे क्रियाकलापों वाली वस्तुओं को लाने में हम पॉलिथीन का ही उपयोग करते हैं। ये हमें सुविधाजनक तो लगती है, हम ये जानते यही पाॉलिथीन पर्यावरण की दुश्मन बन गयी है।

हम पॉलिथीन की थैलियां कचरे आदि में फेंक देते हैं, वो कचरा किसी जानवर द्वारा खा लेने पर वो पॉलिथीन भी उनके पेट में चली जाती है, जो उनकी मौत का कारण बनती है।

जिस प्लास्टिक से पॉलिथीन बनती है, वो प्लास्टिक एक सस्ता पदार्थ है और यह सुविधाजनक है इस कारण इसकी लोकप्रियता बढ़ी। लेकिन यह एक ऐसा पदार्थ है जो विघटित नहीं होता है अर्थात यह जल्दी नष्ट नहीं हो पाता है और इसके नष्ट होने में कई सैकड़ों वर्ष लगते हैं। यह पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है, और यह अनेक बीमारी फैलाने का कारण भी है।  

प्लास्टिक को बनाने में कई तरह के रसायनों का इस्तेमाल होता है जो जहरीले होते हैं जब हम प्लास्टिक को उपयोग करने के बाद उसे फेंक देते हैं तो वह प्लास्टिक पानी, जमीन, हवा आदि से मिलकर अपने जहरीले रसायनों को उनमें मिला देता है। इसके कारण मिट्टी, जल, वायु आदि सब दूषित हो जाते हैं।  

समय की मांग की है कि हमें पॉलिथीन के उपयोग को सीमित करना चाहिए और धीरे-धीरे बिल्कुल ही बंद करने देना चाहिए। हमें कपड़े व जूट से बने थैलों का उपयोग करना चाहिये। आजकर ऐसे थैलों का प्रचलन बहुत बढ़ा है। प्लास्टिक के रूप में पॉलिथीन भले ही एक सस्ता पदार्थ हो। लेकिन यह हमारे जीवन के लिए बहुत महंगी पड़ती जा रही है। ये हमारे पर्यावरण के लिए बहुत महंगा पड़ता जा रहा है। हमे पॉलीथिन की थैलियों का उपयोग बिल्कुल बंद कर दें और जूट और कपड़े के थैलों का उपयोग करें। एक स्वस्थ पर्यावरण की कीमत पर हमें प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना है ऐसा हमें संकल्प लेना होगा।

जब प्लास्टिक मुक्त सारा देश बनेगा और विशेषकर हमारा उत्तर प्रदेश प्लास्टिक मुक्त हो जाएगा तो हम एक स्वस्थ पर्यावरण की दिशा में एक कदम आगे बढ़ा देंगे। इसके लिए प्रत्येक उत्तर प्रदेश वासी का यह परम कर्तव्य बन जाता है कि वो प्लास्टिक के सामान का उपयोग करना पूरी तरह त्याग दे। यदि हमे हमारे उत्तर प्रदेश के पर्यावरण को बचाना है तो हमें प्लास्टिक का मोह त्यागकर पॉलिथीन और प्लास्टिक को टाटा बाय-बाय करना ही होगा।  

इसलिए दोस्तों, साथियों आज हम यह संकल्प लेते हैं... हमारा पक्का यही है संदेश कि पॉलिथीन मुक्त हो हमारा उत्तर प्रदेश

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