उत्तर दीजिए ( लगभग 100-150 शब्दों में ) स्पष्ट कीजिए कि विशिष्ट परिवारों में पितृवंशिकता क्यों महत्वपूर्ण रही होगी?
Answers
विशिष्ट परिवारों में पितृवंशिकता निम्न कारणों से महत्वपूर्ण रही होगी :
पितृवंशिकता वह प्रणाली है जिसके माध्यम से पिता से पुत्र और पौत्र तक वंश परंपरा चलती है।
निम्नलिखित कारणों से शासक परिवार तथा धनी लोगों के परिवारों के लिए पितृवंशिकता का सिद्धांत आवश्यक होगा :
(1) राजवंश की निरंतरता :
धर्मशास्त्रों के अनुसार, यह एक स्थापित मान्यता थी कि वंश को बेटा ही आगे बढ़ाता है बेटियां नहीं । यही मुख्य कारण था कि परिवार बेटों की कामना की जाती थी । ऋग्वेद के एक दोहे भी इस दृष्टिकोण की पुष्टि करते हैं। इस दोहे में, अपनी बेटी की शादी के समय एक पिता की इच्छा होती है कि भगवान शिव की कृपा से उसे सबसे अच्छे पुत्र हों।
(2) विरासत :
शाही परिवारों में, सिंहासन का अधिग्रहण विरासत में शामिल किया गया था। एक राजा की मृत्यु के बाद, उसका सबसे बड़ा पुत्र सिंहासन को प्राप्त करने वाला उत्तराधिकारी बन जाता था। माता-पिता की मृत्यु के बाद, संपत्ति को सभी बेटों के बीच समान रूप से विभाजित किया जाता था। वास्तव में, माता-पिता अपनी मृत्यु के बाद परिवार में विवादों से बच जाते थे। अधिकांश शाही परिवारों ने 6ठीं ई.पू. से ही पितृवंशिकता प्रणाली का अनुसरण करते थे। हालांकि इस प्रथा में विभिन्नता थी।
यदि राजा का कोई पुत्र न हो तो राजा का भाई सिंहासन का उत्तराधिकारी बन जाता था।
रिश्तेदारों ने भी सिंहासन की विरासत का दावा किया।
कुछ विशेष मामलों में, स्त्रियों सत्ता का उपयोग करती थी। महिलाओं में प्रभावती गुप्त इसका उदाहरण है ।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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Answer:
धर्मसुत्रों की माने तो वंश को पुत्र ही आगे बढ़ाते हैं।
- अतः सभी परिवारों की कामना पुत्र प्राप्ति की थी।
- इसमें पिता अपनी पुत्री के विवाह के समय इंद्र से उसके लिए पुत्र की कामना करता है।