उत्तर दीजिए (लगभग 100 से 150 शब्दों में) आपके विचार में महानवमी डिब्बा से संबद्ध अनुष्ठानों का क्या महत्त्व था?
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महानवमी डिब्बा से संबद्ध अनुष्ठानों का निम्न महत्त्व था :
- महानवमी डिब्बा बिजयनगर शहर के सबसे ऊंचे स्थानों में से एक पर निर्मित एक विशालकाय मंच था जिसकी ऊंचाई 11000 वर्ग फीट के आधार से 40 फीट तक थी।
- यह एक सार्वजनिक संरचना यह भवन था ,जहां अनेक उत्सवों के अवसर पर अनेक प्रकार के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे।
- इन कार्यक्रमों में सबसे प्रमुख सितंबर अक्टूबर के शरद मास में जाने वाले दशहरे का त्यौहार था। दशहरे पर्व को प्रायद्वीपीय भारत में महानवमी या नवरात्रि का जाता था।
- इस दिन विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए जाते थे । इस अवसर पर विजयनगर के शासक अपनी प्रतिष्ठा शक्ति और स्वामित्व का प्रदर्शन करते थे।
- इस त्यौहार पर होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों में मूर्तियों की पूजा, राज्य के घोड़े की पूजा तथा भैंसों और अन्य जानवरों की बलि भी होती थी।
- नृत्य , कुश्ती, साज लगे घोड़ों, हाथियों तथा रथों की शोभायात्रा निकाली जाती थी।
- दशहरे के त्यौहार के आखिरी दिन राजा अपनी तथा अपने नायकों की सेना का खुले मैदान में आयोजित भव्य उत्सव में निरीक्षण करता था।
- इस त्यौहार पर नायक राजा के लिए बहुत सारे उपहार और साथ में नियत कर भी लाते थे।
- इस अवसर पर राजाओं और उनके अतिथियों को उपहार दिए जाते थे।
- इस प्रकार उपरोक्त विवरणों से यह ज्ञात होता है कि महानवमी डिब्बा विजय नगर साम्राज्य का धार्मिक व सांस्कृतिक केंद्र था। यह एक ऐसा महत्वपूर्ण स्थान था , जहां त्यौहारों के दौरान अनेक प्रकार की धार्मिक व सांस्कृतिक गतिविधियां संचालित की जाती थी।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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Explanation:
इस अवसर पर होने वाले अनुष्ठानों में मूर्तिपूजा, अश्व-पूजा के साथ-साथ भैंसों तथा अन्य जानवरों की बलि दी जाती थी।
- नृत्य, कुश्ती प्रतिस्पर्धा तथा घोड़ों, हाथियों तथा रथों व सैनिकों की शोभा यात्राएँ निकाली जाती थीं।
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