History, asked by maahira17, 11 months ago

उत्तर दीजिए (लगभग 100 से 150 शब्दों में) कबीर अथवा बाबा गुरु नानक के मुख्य उपदेशों का वर्णन कीजिए। इन उपदेशों का किस तरह संप्रेषण हुआ।

Answers

Answered by nikitasingh79
19

कबीर अथवा बाबा गुरु नानक के मुख्य उपदेशों का वर्णन और इन उपदेशों का किस तरह संप्रेषण हुआ निम्न प्रकार से हैं :  

कबीर के मुख्य उपदेश :  

(1) उन्होंने बहुतदेववाद तथा मूर्ति पूजा का खंडन किया।  

(2) उन्होंने ज़िक्र और इश्क के सूफी सिद्धांतों के प्रयोग द्वारा 'नाम सिमरन' पर बल दिया।

(3) कबीर के अनुसार परम सत्य अथवा परमात्मा एक है , भले ही विभिन्न संप्रदायों के लोग उसे अलग-अलग नामों से पुकारते हैं।  

(4) उन्होंने परमात्मा को निराकार बताया।

(5) उनके अनुसार भक्ति के माध्यम से मोक्ष अथवा मुक्ति प्राप्त हो सकती है।

(6) उन्होंने हिंदुओं तथा मुसलमानों दोनों के धार्मिक आडंबरों का विरोध किया।  

(7) वह जातीय भेदभाव के विरुद्ध थे।

विचारों का संप्रेषण :  

कबीर ने अपने विचारों को काफी की आम बोलचाल की भाषा में व्यक्त किया जिसे आसानी से समझा जा सकता था। कभी-कभी इन्होंने बीज लेखन की भाषा का प्रयोग भी किया जो कठिन थी। उनके देहांत के बाद उनके अनुयायियों ने अपने प्रचार-प्रसार द्वारा उनके विचारों का संप्रेषण किया।

बाबा गुरु नानक देव जी के उपदेश :  

(1) उन्होंने निर्गुण भक्ति का प्रचार किया । उन्होंने धर्म के सभी बाहरी आडंबरों का खंडन किया; जैसे - यज्ञ , अनुष्ठानिक स्नान ,मूर्ति पूजा तथा कठोर तप।

(2) उन्होंने हिंदू और मुसलमानों का धर्म ग्रंथों को भी नकारा।

(3) उनके लिए परम पूर्ण रब  (परमात्मा) का कोई लिंग या आकार नहीं था।

(4) उन्होंने रब की उपासना के लिए एक सरल उपाय बताएं और वह था उसका निरंतर स्मरण व नाम का जाप।

विचारों का संप्रेषण :  

गुरु नानक देव जी ने अपने विचार पंजाबी भाषा में शबद के माध्यम से लोगों के सामने रखे। वह ये शबद अलग-अलग रागों में गाते थे उनका सेवक मरदाना रबाब बजाकर उनका साथ देता था।

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

इस पाठ  (भक्ति-सूफ़ी परंपराएँ ) के सभी प्रश्न उत्तर :  

https://brainly.in/question/15350340#

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :

उत्तर दीजिए (लगभग 100 शब्दों में) वे शरिया और बा शरिया सूफी परंपरा के बीच एकरूपता और अंतर, दोनों को स्पष्ट कीजिए।  

https://brainly.in/question/15350750#

उत्तर दीजिए (लगभग 100 से 150 शब्दों में) चर्चा कीजिए कि अलवार, नवनार और वीरशैवों ने किस प्रकार जाति प्रथा को आलोचना प्रस्तुत की?  

https://brainly.in/question/15351830#

Answered by Anonymous
4

Explanation:

कबीर के अनुसार परम सत्य अथवा परमात्मा एक हैं, भले ही विभिन्न सम्प्रदायों के लोग उसे अलग-अलग नामों से पुकारते हैं।

  • उन्होंने परमात्मा को निराकार बताया।

  • उन्होंने ज़िक्र और इश्क के सूफ़ी सिद्धांतों के प्रयोग द्वारा 'नाम सिमरन' पर बल दिया।

Similar questions