History, asked by maahira17, 11 months ago

उत्तर दीजिए (लगभग 100 से 150 शब्दों में) विचाराधीन काल में मौद्रिक कारोवार की अहमियत की विवेचना उदाहरण देकर कीजिए।

Answers

Answered by nikitasingh79
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विचाराधीन काल में मौद्रिक कारोबार की अहमियत की विवेचना उदाहरण सहित निम्न प्रकार से है :  

मुगल काल (16वीं और 17वी) शताब्दी में अर्थव्यवस्था में मौद्रिककरण का उल्लेखनीय विस्तार हुआ और वस्तु विनिमय के स्थान पर मुद्रा अर्थात मौद्रिक कारोबार का प्रचलन प्रारंभ हो गया। यह मुगल बादशाहों की नई आर्थिक नीतियों का परिणाम था।

उदाहरण :  

  • मुगलकालीन शहरों का गांव के साथ व्यापारिक संबंध स्थापित होने से शहरों में प्रचलित नकदी व्यवस्था का धीरे-धीरे गांव में भी विस्तार होने लगा । इसके फल स्वरूप अब गांव में भी आपसी लेनदेन नकदी में ही होने लगे । ग्रामीण बाजारों का शहरी बाजारों से जुड़ाव के कारण मौद्रिक व्यापार में वृद्धि हुई।  

  • तत्कालीन समय में निर्यात के लिए उत्पादन करने वाली दस्तकारों और कपास, रेशम या नील जैसे व्यापारिक फसलों की पैदावार करने वालों को भुगतान नगर रूप में ही किया जाने लगा।  

  • बंगाल में प्रचलित जजमानी व्यवस्था के परिणामस्वरुप भी मौद्रिक अर्थव्यवस्था को बल मिला, क्योंकि दस्तकारों की सेवाओं के बदले प्राय: भुगतान मुद्रा के रूप में होने लगा था।  

  • जमींदारी प्रथा ने भी मौद्रिककरण को बढ़ावा दिया; जैसे जमीदारों ने किसानों को कृषि योग्य भूमि के विस्तार के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने किसानों को कृषि संबंधी उपकरण तथा उधार देकर वहां बसने में सहायता प्रदान की।

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

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Answered by Anonymous
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Answer:

अर्थव्यवस्था का स्थान मुद्रा अर्थव्यवस्था ने ले लिया।

  • मुगल सम्राटों की वित्तीय एवं आर्थिक नीतियों के कारण साम्राज्य में मुद्रा का संचरण बढ़ने लगा।

  • शाही टकसाल में खुली सिक्का-ढलाई की पद्धति ने मुद्रा संचरण को और अधिक विस्तृत बनाया।

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