Hindi, asked by URZITC9YF4, 3 months ago

उत्तर: द्वारपाल ने श्री कृष्ण से सुदामा के बारे में बताते हुए कहा, ”प्रभु! दरवाजे पर एक गरीब तथा दुर्बल ब्राह्मण खड़ा है। वह आपसे मिलना चाहता है। वह अपना नाम सुदामा बता रहा है।​

Attachments:

Answers

Answered by Sasmit257
1

Answer:

1) सभी प्रश्न अनिवार्य हैं ।

2) प्रश्नों के लिए निर्धारित अंक उनके सामने दिए गए हैं।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर के रूप में दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त

विकल्प छाँटकर अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए :

कवि वृंद ने रस्सी और पत्थर का उदाहरण क्यों दिया है ?

(A) किसी काम को जल्दी करने के लिए

(B) अभ्यास का महत्त्व बताने के लिए

(C) निरंतर कार्य करने की आवश्यकता बताने के लिए

(D) मूर्ख की विशेषता समझाने के लिए

(ii) 'आज़ादी' कविता में शागिर्द द्वारा पूछना1) सभी प्रश्न अनिवार्य हैं ।

2) प्रश्नों के लिए निर्धारित अंक उनके सामने दिए गए हैं।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर के रूप में दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त

विकल्प छाँटकर अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए :

कवि वृंद ने रस्सी और पत्थर का उदाहरण क्यों दिया है ?

(A) किसी काम को जल्दी करने के लिए

(B) अभ्यास का महत्त्व बताने के लिए

(C) निरंतर कार्य करने की आवश्यकता बताने के लिए

(D) मूर्ख की विशेषता समझाने के लिए

(ii) 'आज़ादी' कविता में शागिर्द द्वारा पूछना कि 'सूरज में घोंसला बनाने को उड़ी जाती चिड़िया'

का आशय है

(A) असंभव कार्य को पूरा करने का हौसला

(B) मनमाने ढंग से सैर-सपाटा

(C) बेफिक्र और उच्छृखल बनकर जीना

(D) खोजी प्रवृत्ति का बनना

'आह्वान' कविता में कवि का 'दैव के सिर दोष अपना मढ़ रहे !' में क्या भाव व्य

हुआ है?

होता

गो_शियोंकि 'सूरज में घोंसला बनाने को उड़ी जाती चिड़िया'

का आशय है

(A) असंभव कार्य को पूरा करने का हौसला

(B) मनमाने ढंग से सैर-सपाटा

(C) बेफिक्र और उच्छृखल बनकर जीना

(D) खोजी प्रवृत्ति का बनना

'आह्वान' कविता में कवि का 'दैव के सिर दोष अपना मढ़ रहे !' में क्या भाव व्य

हुआ है?

होता

गो_शियों

Similar questions