उतनोधियो गोअग्राः पूषन् विष्णवेवायवः । कर्ता नः स्वस्तिमतः
Answers
Answered by
0
Answer:
हिन्दी भावार्थ:
हे अर्जुन, यदि तुम युद्ध में वीरगति को प्राप्त होते हो तो तुम्हें स्वर्ग मिलेगा
और यदि विजयी होते हो तो धरती का सुख को भोगोगे
इसलिए उठो, हे कौन्तेय (अर्जुन)
और निश्चय करके युद्ध करो
Similar questions