utbana Ka Waqia Kya hai
Akshi24:
Utbana means?
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एक सवाल जो अक्सर मेरे दिलो दिमाग में रहता है - कर्म प्रधान या भाग्य प्रधान? मैंने इस सवाल का हल ढूंढने का बहुत प्रयत्न किया पर अभी तक किसी ठोस नतीजे पे नही पहुँच पाया हूँ। यह सवाल मेरे दिलों दिमाग को कभी कभी झंझोर के रख देता है।
भगवद गीता में ये लिखा हुआ है की तुम कर्म करो, फल की चिंता न करो। और मैंने कई लोगों से सुना है की कर्म प्रधान है। तो फिर भाग्य क्या है? बहुत से लोग कहते हैं कि मनुष्य अपने कर्म से अपना भाग्य बदल सकता है। पर मैंने ये भी सुना है की भाग्य तो इंसान के जन्म से पहले ही लिखा जा चुका है। और एक बार भाग्य में जो लिखा जा चुका है उसे कोई नही बदल सकता। तो फिर कर्म प्रधान कैसे है? और अगर भाग्य ही सबकुछ है तो फिर इंसान कर्म ही क्यों करेगा? वो ये सोचेगा की जो भाग्य में होना है वो तो होके ही रहेगा, मैं कुछ क्यों करु?
कई लोग अक्सर ये उदाहरण देते है कि वो आदमी अपनी मेहनत, लग्न, परिश्रम और कर्मो के बदौलत आज जीवन में इस बड़े मूकाम पे
भगवद गीता में ये लिखा हुआ है की तुम कर्म करो, फल की चिंता न करो। और मैंने कई लोगों से सुना है की कर्म प्रधान है। तो फिर भाग्य क्या है? बहुत से लोग कहते हैं कि मनुष्य अपने कर्म से अपना भाग्य बदल सकता है। पर मैंने ये भी सुना है की भाग्य तो इंसान के जन्म से पहले ही लिखा जा चुका है। और एक बार भाग्य में जो लिखा जा चुका है उसे कोई नही बदल सकता। तो फिर कर्म प्रधान कैसे है? और अगर भाग्य ही सबकुछ है तो फिर इंसान कर्म ही क्यों करेगा? वो ये सोचेगा की जो भाग्य में होना है वो तो होके ही रहेगा, मैं कुछ क्यों करु?
कई लोग अक्सर ये उदाहरण देते है कि वो आदमी अपनी मेहनत, लग्न, परिश्रम और कर्मो के बदौलत आज जीवन में इस बड़े मूकाम पे
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