उदाहरण के साथ भौतिक अधिशोषण एवं रासायनिक अधिशोषण को परिभाषित करें
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Explanation:
जब अधिशोषक व अधिशोष्य के मध्य दुर्बल वांडरवाल बल होते है तो उसे भौतिक अधिशोषण कहते है। उदाहरण : अवरक की सतह पर N2 का अधिशोषण। (2) रासायनिक अधिशोषण : जब अधिशोषक व अधिशोष्य के मध्य प्रबल रासायनिक बंध बनते है तो उसे रासायनिक अधिशोषण कहते है
अधिशोषण के प्रकार(types of adsorption) :
अधिशोषक व अधिशोष्य के मध्य बन्ध की प्रकृति के आधार पर अधिशोषण दो प्रकार के होते है।
(1) भौतिक अधिशोषण :
जब अधिशोषक व अधिशोष्य के मध्य दुर्बल वांडरवाल बल होते है तो उसे भौतिक अधिशोषण कहते है।
उदाहरण : अवरक की सतह पर N2 का अधिशोषण।
(2) रासायनिक अधिशोषण :
जब अधिशोषक व अधिशोष्य के मध्य प्रबल रासायनिक बंध बनते है तो उसे रासायनिक अधिशोषण कहते है।
उदाहरण : Ni की सतह पर H2 का अधिशोषण।
भौतिक तथा रासायनिक अधिशोषण(physical adsorption and chemical adsorption) में अंतर :
भौतिक अधिशोषण
रासायनिक अधिशोषण
1. अधिशोषक व अधिशोष्य के मध्य दुर्बल वांडरवाल बल होते है
अधिशोषक व अधिशोष्य के मध्य प्रबल रासायनिक बंध बनते है
2. यह विशिष्ट नहीं होता अर्थात सभी गैसे ठोस की सतह पर कुछ न कुछ मात्रा में अवश्य अधिशोषित होती है।
यह विशिष्ट होता है अर्थात वे सभी गैसे जो ठोस से स्थायी बन्ध बना लेती है उनका ही अधिशोषण होता है।
3. यह उत्क्रमणीय होता है।
यह अनुत्क्रमणीय होता है।
4. कम संक्रियण ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
अधिक संक्रियण ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
5. अधिशोषण ऊर्जा का मान 20-40 किलो जुल प्रति मोल होता है।
अधिशोषण ऊर्जा का मान 80-240 किलो जुल प्रति मोल होता है।
6. इसमें बहु आणविक परत बनती है।
इसमें एक आणविक परत बनती है।
7. ताप बढ़ाने पर कम होता है
ताप बढ़ाने पर अधिक होता है
8. वे गैस जो सरलता से द्रवित होती है उनका अधिशोषण अधिक होता है।
जो गैस ठोसों से रासायनिक बन्ध बना लेती है उनका अधिशोषण