History, asked by ppppp366, 8 months ago

उदार राष्ट्रवादी ने कौन सा प्रमुख मुद्दा उठाया था?

Answers

Answered by vinodbeniwal1984
0

Explanation:

कांग्रेस के आरम्भिक 20 वर्षों के काल को “उदारवादी राष्ट्रीयता” की संज्ञा दी जाती है क्योंकि इस काल में कांग्रेस कीं नीतियाँ अत्यंत उदार थीं. इस युग में भारतीय राजनीति के प्रमुख नेतृत्वकर्ता दादाभाई नौरोजी, फ़िरोज़शाह मेहता, दिनशा वाचा और सुरेन्द्र नाथ बनर्जी आदि जैसे उदारवादी थे. उदारवादियों की राजनीति के कुछ सुस्पष्ट चरण रहे हैं जिसके अंतर्गत इनके आन्दोलन के उद्देश्यों और नियमों में एकरूपता के पुट समाहित रहे हैं. ज्ञातव्य है कि ये ब्रिटिश शासन को विस्थापित करने की अपेक्षा इसमें सुधार लाने में विश्वास रखते थे. उदारवादी नेतृत्व को विश्वास था कि संवैधानिक मार्ग को अपनाकर अपनी बातों को सभाओं, याचिकाओं, प्रार्थना पत्रों आदि के जरिये ब्रिटिश सरकार एवं संसद के सामने रखना अधिक प्रभावकारी सिद्ध होगा.

उदारवादियों को यह विश्वास था कि पूर्ण राजनीतिक स्वतंत्रता शनैः शनैः आएगी और अंततोगत्वा भारत को भी अन्य उपनिवेशों की ही तरह स्व-शासन का अधिकार मिलेगा. इसलिए इन उदारवादियों ने क्रमागत संवैधानिक सुधारों, प्रशासनिक सुधारों और राजनीतिक अधिकारों की माँग की. उदारवादियों द्वारा दी गई मांगों का प्रभाव 1892 में पारित भारतीय परिषद् अधिनियम के रूप में परिलक्षित होता है जिसके अंतर्गत केन्द्रीय और प्रांतीय विधायी परिषदों में सदस्यों की संख्या में वृद्धि की गई.

Similar questions