Hindi, asked by anshumanSir, 7 months ago

उदित हुआ सौभाग्य, मुदित महलों में उजयाली छाई,
किंतु कालगति चुपके चुपके काली घटा घेर लाई,
तीर चलानेवाले कर में उसे चूड़ियाँ कब भाई
रानी विधवा हुई हाय! विधि को भी नहीं दया आई.
नि:संतान मरे राजा जी,
रानी शोक-समानी थी।
बुंदेले हरबोलों के मुँह
हमने सुनी कहानी थी।
खूब लड़ी मर्दानी वह तो
झाँसीवाली रानी थी।

कृपया इसका भावार्थ बताइये ​

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Answered by anshikasariyal
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Answer:

अभी अभी तो मैहलो में उजियाली छाई थी। किन्तु कालगती ने ऐसा चक्र चलाया की मैहलो मे अन्धेर छा गया। रानी विधवा हो गयी। राजा निअः संतान मर गये। रानी शोक मे डूबी थी। बुंदेलखंड के लोग यह कहनी सुनते हैं की वह झनी की रानी थी। और मर्दों क बीच खडी लड़ रही थी

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