उद्देश्य और विधेय में अंतर स्पष्ट कीजिए।
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जब किसी पंक्ति में किसी व्यक्ति विशेष या कर्ता के संपर्क में कुछ कहा जाता है तो वह उद्देश्य होता है। वाक्य में कर्ता जो भी कार्य करता है वह विधेय कहलाता है।
Explanation:
(1)उद्देश्य (Subject):- वाक्य का वह भाग है, जिसमें किसी व्यक्ति या वस्तु के बारे में कुछ कहा जाए, उसे उद्देश्य कहते हैं।
सरल शब्दों में- वाक्य में जिसके विषय में कुछ कहा जाये उसे उद्देश्य कहते हैं।
जैसे- पूनम किताब पढ़ती है। सचिन दौड़ता है।
इस वाक्य में पूनम और सचिन के विषय में बताया गया है। अतः ये उद्देश्य है। इसके अंतर्गत कर्ता और कर्ता का विस्तार आता है जैसे- 'परिश्रम करने वाला व्यक्ति' सदा सफल होता है। इस वाक्य में कर्ता (व्यक्ति) का विस्तार 'परिश्रम करने वाला' है।(2)विद्येय (Predicate):- उद्देश्य के विषय में जो कुछ कहा जाता है, उसे विद्येय कहते है।
जैसे- पूनम किताब पढ़ती है।
इस वाक्य में 'किताब पढ़ती' है विधेय है क्योंकि पूनम (उद्देश्य )के विषय में कहा गया है।
दूसरे शब्दों में- वाक्य के कर्ता (उद्देश्य) को अलग करने के बाद वाक्य में जो कुछ भी शेष रह जाता है, वह विधेय कहलाता है।
इसके अंतर्गत विधेय का विस्तार आता है। जैसे- लंबे-लंबे बालों वाली लड़की 'अभी-अभी एक बच्चे के साथ दौड़ते हुए उधर गई' ।
इस वाक्य में विधेय (गई) का विस्तार 'अभी-अभी एक बच्चे के साथ दौड़ते हुए उधर' है।
विशेष-आज्ञासूचक वाक्यों में विद्येय तो होता है किन्तु उद्देश्य छिपा होता है।
जैसे- वहाँ जाओ। खड़े हो जाओ।
इन दोनों वाक्यों में जिसके लिए आज्ञा दी गयी है वह उद्देश्य अर्थात 'वहाँ न जाने वाला '(तुम) और 'खड़े हो जाओ' (तुम या आप) अर्थात उद्देश्य दिखाई नही पड़ता वरन छिपा हुआ है।